आज़ यहां पर आप एक बहुत ही खुबसूरत, बरकत व रहमत भरी दुआ यानी कि Humbistari Ki Dua जानेंगे जो बहुत ही ख़ास दुआ है।
हम सभी को हमबिस्तर होने से कब्ल इस दुआ को जरूर पढ़ना चाहिए ताकि हम इस दुआ के बरकत व रहमत हासिल कर सकें।
आप भी जानते ही होंगे कि हमबिस्तरी की दुआ पढ़ने से शैतान के सर से महफूज़ रहते हैं तथा नेक और सालेह संतान का जन्म होता है।
Humbistari Ki Dua
यहां पर हमने हमबिस्तरी की दुआ हिंदी लैंग्वेज के साथ साथ इंग्लिश और अरबी के बहुत ही खुबसूरत और साफ़ लफ्ज़ों में लिखा है।
जिसे आप अपने मुताबिक़ पसंदीदा जबान में इस दुआ को सही सही आसानी से पढ़ सकें और फिर कहीं भी आपको खोजना ना पड़े।
Humbistari Ki Dua In Hindi
बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा जन्निबनश् शैताना व जन्निबिश् शैताना मा रज़कतना
Read Here: Istikhara Ki Dua
Humbistari Ki Dua In Arabic
بِسْمِاللّٰهِ اَللّٰهُمَّ جَنِّبْنَا الشَّيْطَانَ وَجَنِّبِ السَّيْطٰانَ مَادَذَقْتَنَا
Humbistari Ki Dua In English
Bismillahi Allahumma Jannibanash Shaitana Wa Jannibish Shaitana Maa Rajaktanaa.
Humbistari Ki Dua Ka Tarjuma
अल्लाह के नाम से ऐ अल्लाह दूर कर हम से शैतान मरदूद को और दूर कर शैतान मरदूद को उस औलाद से जो तू हमें अता करे
हमबिस्तरी से पहले इन बातों पर ध्यान दें
- हमबिस्तर होने से पहले हमेशा बा वजू हो लें तो बेहतर है।
- फिर हमबिस्तरी की दुआ पढ़ कर ही मुबाशरत शुरू करें।
- इसका भी ख्याल रखें कि किब्ला की तरफ़ रुख न हो।
- मुबाशरत खड़े खड़े न करें यह तरीका अदब के खिलाफ़ है।
- इस बात पर भी गौर करें कि कभी भी बैठे बैठे नहीं करें।
- अदब और कायदे से दोनों आपस में हमबिस्तर सही से हों।
- इंजाल यानी मनी निकलने के तुरंत बाद अलग अलग न हों।
- इन बातों पर गौर करें सुन्नत के साथ सही तरीका भी यही है।
- सोहबत के बाद अपने अपने मकाम को तुरंत साफ कर लें।
- इसके बाद तुरंत ही दोनों पेशाब भी करें इसकी फवाएद भी है।
हमबिस्तरी की दुआ की हदीस
हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रजियल्लाहु तआला अन्हुं से रिवायत है।
कि रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जो शख्स इस दुआ को हमबिस्तरी के वक्त पढ़ेगा।
तो अल्लाह तआला उस पढ़ने वाले को अगर औलाद अता फरमाए तो उस औलाद को शैतान कभी भी नुक्सान नहीं पहुंचा सकता।
हज़रत इमाम अहमद रजा खां रजियल्लाहु तआला अन्हुं फतावा रिजविया में इरशाद फ़रमाते हैं।
अगर कोई शख्स सोहबत यानी हमबिस्तरी के वक्त दुआ न पढ़ें यानी शैतान मरदूद से अल्लाह की पनाह न मांगे तो उस शख्स की शर्मगाह से शैतान लिपट जाता है।
यहां तक कि उस मर्द से जो औलाद पैदा होता है वह नाफरमान बुरी खसलतों वाली बेगैरत और बद्दीन व गुमराह होती है।
शैतान की इस दखलअंदाजी के सबब औलाद में तबाह कारी आ जाती है।
हज़रत सअद बिन अबादा रजियल्लाहु तआला अन्हुं ने फ़रमाया अगर मैं अपनी बीबी के साथ किसी को देख लूं तो उसका काम तमाम कर दूं।
उनकी इस बात को सुनकर लोगों ने ताज्जुब किया अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि।
ऐ लोगो तुम्हें सअद की इस बात पर ताज्जुब आता है हालांकि मैं तो उनसे ज्यादा गैरत वाला हूं और अल्लाह तआला मुझ से भी गैरत वाला है।
Refrenced: IslamQ&A
अंतिम लफ्ज़
आप भी अब तक तो आसानी से हमबिस्तरी की दुआ पढ़ और समझ कर अपने जेहन में बसा लिए होंगे और हमेशा हमबिस्तरी से कब्ल इस दुआ को जरूर पढ़ेंगे।
हमने यहां पर दुआ के साथ साथ और भी कई सारे बेहतरीन बातें बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में बताया था जिसे आप पढ़ कर आसानी से समझ जाएं।
अगर इसे मुकम्मल पढ़ने के बाद भी आपके मन में कोई भी सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट अस के ज़रिए जरूर पूछें।
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