Ruku Se Uthne Ki Dua । रुकू से उठने की दुआ हिंदी अरबी और इंग्लिश में

आज़ यहां पर आप एक बहुत ही ख़ास खुबसूरत और जरूरत की दुआ यानि कि Ruku Se Uthne Ki Dua जानेंगे जो हम सभी के लिए बहुत ही आला और उम्दा दुआ है।

हम सभी आशिक़ ए रसूल मोमिनों के लिए नमाज़ अदा करना बहुत ही जरूरी होता है और नमाज़ अदा करने के लिए रुकू से उठने की तस्बीह या यूं कहूं तो दुआ पता होना चाहिए।

हमने यहां पर इस दुआ को इसीलिए बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में लिखा है जिसे आप आसानी से पढ़ और समझ कर अमल में ला कर नमाज़ पुरा कर सकें।

Ruku Se Uthne Ki Dua

हमने यहां पर रुकू से उठने की दुआ हिंदी जबान के साथ साथ अरबी और इंग्लिश के भी बहुत ही साफ़ और आसान लफ्ज़ों में लिखा है जिसे आप सही से इस दुआ को पढ़ सकें।

इसके बाद यकीनन आपको कहीं पर भी रुकू से उठने की दुआ नहीं खोजनी पड़ेगी इसीलिए आप यहां पर ध्यान से पढ़ कर अपने जेहन में बसा लें ताकि रुकू से उठते हुए आसानी से जबानी पढ़ सकें।

Ruku Se Uthne Ki Dua In Hindi
Ruku Se Uthne Ki Dua

Ruku Se Uthne Ki Dua In Hindi

समिअल्लाहु लिमन हमिदह

Ruku Se Uthne Ki Dua In Arabic

سَمِعَ اللَّهُ لِمَنْ حَمِدَهُ

Refrence: Sahih Al-Bukhari 803

Ruku Se Uthne Ki Dua In English

Samiallahu Liman Hamidah

Ruku Se Uthne Ki Dua Ka Tarjuma

अल्लाह ने सुन लिया जिसने उसकी तारीफ़ की

इसके बाद इस दुआ को भी पढ़ें

रब्बना व लकल हम्द

رَبَّنَا وَلَكَ الْحَمْدُ

Rabbana Wa Lakal Hamd

जिसका तर्जुमा है: ऐ हमारे रब तमाम तारीफें तेरे लिए है

इस बात पर भी गौर फरमाएं

अगर आप नमाज़ अकेले में यानी तन्हा अदा कर रहे हैं तो ही आपको रुकू से उठते वक्त समिअल्लाहु लिमन हमिदह और रब्बना व लकल हम्द कहना है अगर आप जमात में नमाज अदा करते हैं तो सिर्फ रब्बना व लकल हम्द ही कहना काफ़ी है।

अंतिम लफ्ज़

अब तक तो आप भी आसानी से सही सही इस दुआ को पढ़ कर सीख गए होंगे और अब से हमेशा सही से दुआ पढ़ेंगे और पढ़ कर खूब नेकियां हासिल करेंगे।

हमने यहां पर इस दुआ को दुआ पढ़ने का तरीका बहुत ही साफ़ और आसान शब्दों में और तीनों मशहूर जबान में लिखा था जिसे आप अपने पसंदीदा जबान में सही से पढ़ सकें।

अगर अभी भी आपके मन में इस दुआ से रिलेटेड कोई सवाल या फिर किसी तरह का कोई डाउट भी हो तो आप हमसे कॉन्टेक्ट मि पेज के ज़रिए पूछ सकते हैं।

My name is Shah Noor and I'm the Editor and Writer of Dinomes. I'm a Sunni Muslim From Jannatabad, India. I've experience teaching and writing about Islam Since 2019. I'm writing and publishing Islamic content to please Allah SWT and seek His blessings.